नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण – SC/ST को
- यहाँ पर सुप्रीम कोर्ट ने 2006 की एम. नागराज जजमेंट को मॉडीफाई किया है।
- 1992 इंदिरा साहनी v/s भारत संघ वाद (मंडल केस-OBC आरक्षण)
निर्णय-
SC/ST को सरकारी नौकरी में कोटा मिलता रहेगा और उनको क्रीमीलेयर टेस्ट की आवष्यकता नहीं।
SC/ST में प्रमोशन में आरक्षण Art. 16(4) में कहा गया कि एक बार उनकी नौकरी लग गई है तो प्रमोशन में आरक्षण की आवष्यकता नहीं है।
Art. 355 प्रमोशन के लिए योग्यता की आवष्यकता है न कि आरक्षण की।
1995 में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बदलने के लिए Art. 16(4) में । जोड़कर SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण दिया। (77 वाँ संविधान संषोधन)
2006 एम. नागराज v/s भारत सरकार इसमें 77 वें संषोधन को चुनौती दी गई। Art. 16(4A) अपनी जगह ठीक है किन्तु आय में तीन शर्त पूरी करनी होगी-
- वो व्यक्ति सच में पिछड़ा है या नहीं।
- सच में प्रतिनिधित्व में SC/ST कम है।
- प्रमोशन की ऐफिसेंसी खराब न होगी।
जरनेल सिंह v/s लक्ष्मी नारायण गुप्ता वाद एम. नागराज केस पर पुनर्विचार किया जाए 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया जिसमें 1992 एवं 2006 के फैसले में बदलाव किया है जिससे SC/ST को आरक्षण पाना आसान हो गया है जो-
पिछड़ा है या नहीं इसकी जरूरत नहीं है।
प्रमोशन की कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं इसकी जरूरत नहीं है।
इस फैसले में SC/ST को पदोन्नति में क्रीमीलेयर के साथ आरक्षण