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भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान सद्गुण का सिद्धांत:- यह गुण चरित्र की विशेष स्थिति है। यह वह स्थायी मानसिक प्रवृति है जो विवेकपूर्ण है। सद्गुण के प्रकार:- 1. नैतिक 2. बौद्धिक – इसका सम्बन्ध भावनाओं से है। – संवेदनाओं को विवेक के नियंत्रण में रखकर
नीतिशास्त्र तथा मानवीय सहसम्बन्ध नीतिशास्त्र मानक नियमों एवं आदर्शों द्वारा मानवीय आचरण तथा व्यवहार का नियमन, मार्गदर्शन तथा मूल्यांकन करने वाली सामाजिक व्यवस्था है जिसका लक्ष्य व्यक्ति तथा समाज का अधिकतम कल्याण है। नीतिशास्त्र :- नीतिशास्त्र शुभ आचरण का अध्ययन करना है। अतः इसे चरित्र विज्ञान की भी संज्ञा दी
आंग्ल-मराठा संघर्ष :- कारण – मराठों के बीच होने वाले आंतरिक झगड़े जैसे – राघोवा तथा नाना फड़नवीस। अंग्रेजों की शक्तिशाली महत्वाकांक्षा 1775 ई. में राघोवा तथा बोम्बे प्रेसिडेंसी के मध्य एक समझौता हुआ जिसे सुरत की संधि कहा जाता है। कहीं न कहीं इस संधि में प्रथम आंग्ल-मराठा संघर्ष
प्लासी का युद्ध – 1753 सम्बंधित प्रश्न – Que 18. प्लासी का युद्ध एक युद्ध नहीं बल्कि समझौते का एक परिणाम था। इस मत से आप कहाँ तक सहमत है ? Que 19. प्लासी का युद्ध ब्रिटिश रणनीति एवं कुटनीति की जीत थी। स्पष्ट कीजिए। Que 20. प्लासी का युद्ध
ब्रिटिश शासन – Part – 3 ब्रिटिश सत्ता रूपान्तरण का आशय – Que 17. ब्रिटिश सत्ता का रूपान्तरण आप हमारे लिए एक महत्वपूर्ण इनपूट कैसे है। स्पष्ट कीजिए। ब्रिटिश सत्ता रूपान्तरण का आशय है कि भारतीय स्थानीय सत्ता का ब्रिटिश सत्ता के रूप में बदलना यद्यपि इस रूपान्तरण की प्रक्रिया में
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