बजट : अंतरिम बजट (The Interim Budget) 2019-20
अंतरिम बजट –
- आमतौर पर जिस साल लोकसभा चुनाव होता है उस साल सरकार अंतरिम बजट पेश करती है, चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है।
- अंतरिम बजट को “वोट ऑन अकाउंट” कहा है।
- इसे “लेखानुदान मांग और मिनी बजट” भी कहा जाता है।
- इसके जरिये सीमित अवधि के लिये सरकार के जरूरी खर्च को मंजूरी मिलती है।
- अंतरिम बजट में व्यय तथा आवती दोनों सम्मिलित होते है।
- यह कार्यवाहक एवं नियमित सरकार दोनों द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है।
- बजट प्रक्रिया सम्पन्न होने अर्थात् बजट पर संसद में चर्चा एवं मतदान होने से पूर्व नए वित्त वर्ष का प्रारंभ हो जाने की स्थिति में वित्तीय संसाधनों के लिये संचित निधि से धन निकालने हेतु लेखानुदान संसद में पारित कराया जाता है।
- लेखानुदान में कोई नीतिगत फैसला नहीं किया जाता है। जैसे – कर की दरों में बदलाव।
Note :- (IAS 2011 PT) अंतरिम बजट और लेखानुदान दोनों ही कुछ ही महीनों के लिए होते है लेकिन दोनों के पेश करने के तरीके में अंतर होता है।
- अंतरिम बजट में केन्द्र सरकार खर्च के अलावा राजस्व का भी ब्यौरा देती है, जबकि लेखानुदान में सिर्फ खर्च के लिए संसद से मंजूरी मांगती है।
- अंतरिम बजट में नीतिगत फैसला भी होता है तथा लेखानुदान में कोई नीतिगत फैसला नहीं होता है।
बजट 2019-20 की महत्त्वपूर्ण बातें :-
(1) किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) –
- इसके तहत 2 हैक्टेयर तक भूमि वाले छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6000 रू प्रतिवर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।
- उपरोक्त आय 2000 रू की तीन समान किस्तों में लाभान्वित किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित (DBT) कर दी जायेगी।
- वित्त पोषण – भारत सरकार करेगी।
- 1 दिसम्बर 2018 से लागू मानी जायेगी।
- 31 मार्च 2019 तक पहली किस्त का इसी वर्ष के दौरान भुगतान कर दिया जायेगा।
(2) प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना –
- 15 हजार रूपए तक मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामकारों के लिये इसका प्रस्ताव किया गया।
- कार्यशील आयु के दौरान एक छोटी सी राशि के मासिक अंशदान से 60 वर्ष की उम्र से 3000 रूपये की निश्चित मासिक पेंशन प्राप्त की जा सकेगी।
उम्र | अंशदान | कब तक |
18 वर्ष की उम्र में शामिल | 55 रू प्रतिमाह | 60 वर्ष तक |
29 वर्ष की उम्र में शामिल | 100 रू प्रतिमाह | 60 वर्ष तक |
- सरकार हर महीने कामगार के पेंशन के खाते में इतनी ही राशि जमा करेगी।,
- वर्तमान वर्ष से ही लागू किया जायेगा।
- आंवटित राशि – 500 करोड़।
(3) राष्ट्रीय कामधेनू आयोग और राष्ट्रीय गोकूल आयोग –
- इसके लिये 750 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
राष्ट्रीय कामधेनू योजना | राष्ट्रीय गोकूल आयोग |
गायों के सम्मान और उनकी रक्षा के लिये। | जो गायों के लिये कानून और कल्याण योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के काम की भी देखभाल करेगा। |
इस योजना के क्रियान्वयन से गौ संसाधनों का सतत् आनुवांशिक उन्नयन करके गायों की नस्ल और संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। | |
राष्ट्रीय कामधेनू आयोग बनाया जाएगा। |
(4) मत्स्य पालन विभाग –
- मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए मत्स्य पालन विभाग बनाने का निर्णय लिया गया है।
- किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्यपालन की गतिविधियाँ चला रहे किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ देने का भी प्रस्ताव है।
- इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर उन्हें 3 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जायेगी।
- Note :- वर्ष 2018-19 के बजट में पशुपालन और मत्स्यपालन गतिविधियों को ऋण की सुविधाएँ किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से देने का प्रावधान किया गया।

(5) गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू के लिये समिति का गठन –
- नीति आयोग के तहत समिति का गठन किया जायेगा।
- जिसका काम समुदायों को औपचारिक रूप से वर्गीकृत करना होगा।
- सरकार द्वारा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एक कल्याण विकास बोर्ड का भी गठन किया जायेगा।
- इस बोर्ड का उद्धेश्य – गैर-अधिसूचित-घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों के कल्याण और विकास कार्यक्रमों को कार्यान्वित करना होगा।
- Note :- रेनके आयोग और आईडेट आयोग ने इन समुदायों की पहचान का काम किया और इन समुदायों की सूची बनाई है।
(6) महिला वर्ग –
- 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश की शुरूआत।
- उज्ज्वला योजना में 2 करोड़ और मुफ्त गैस कनेक्शन मिलेगें। ( अब तक 6 करोड़)
- आंगनवाड़ी और आशा योजना के मानदेय में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई।
विजन 2030 के 10 आयाम –
ईज ऑफ लिविंग –
- 10 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था के लिये बुनियादी ढांचा बनाना।
- सहज-सुखद जीवन के लिये भौतिक तथा सामाजिक अवसंरचना का निर्माण करना।
डिजिटल इंडिया –
- अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र तक पहुँचने वाला डिजिटल इंडिया।
- जहाँ युवा वर्ग डिजिटल भारत के सृजन में व्यापक स्तर पर स्टार्ट-अप और इको-सिस्टम में लाखों रोजगारों का सृजन करना।
क्लीन एण्ड ग्रीन इंडिया –
- भारत को प्रदुषण मुक्त राष्ट्र बनाने के लिये इलेक्ट्रिकल वाहनों पर बल देना।
- नवीकरण ऊर्जा पर विशेष बल देना। जैसे – सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, अपतटीय पवन ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा इत्यादि।
ग्रामीण औद्योगीकरण –
- मेक इन इंडिया कार्यक्रम से व्यापक रोजगार सृजन करना।
- आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण औद्योगीकरण के विस्तार के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगारों का सृजन करना।
स्वच्छ नदियाँ –
- सभी भारतीयों के लिये सुरक्षित पेयजल हेतू स्वच्छ नदियाँ।
- लघु सिंचाई तकनीकों के माध्यम से सिंचाई में जल का अधिकतम उपयोग करना।
समुद्र एवं तटीय क्षेत्र –
- बंदरगाहों, समुद्री मालवाहक उद्योगों के विकास से तटीय इलाकों को सशक्त बनाना।
- सागरमाला कार्यक्रम के तहत किये जा रहे कार्यों में तेजी लाना ताकि देश के विकास को सुदृढ़ता प्रदान हो सके।
अंतरिक्ष कार्यक्रम –
- अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास से देश का विकास करना।
- भारत दुनिया के उपग्रहों को छोड़ने का लांच पैड बनाना क्योंकि हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम की लागत बहुत ही कम आती है।
- गगनयान तथा 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजकर अंतरिक्ष पर्यटन का विकास करना।
खाद्य गुणवता एवं उत्पादकता –
- जैविक तरीके से खाद्यान्न उत्पादन और खाद्यान्न निर्यात में भारत को आत्मनिर्भर बनाना।
- विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिये खाद्यान्नों का निर्यात करना।
- उदाहरण – हाल ही में भारत एवं के मध्य पोर्ट टू फार्म योजना पर सहमति बनी है। जिसके तहत भारत की आवश्यकतानुसार खाद्यान्न उत्पादन करेगा।
स्वस्थ भारत –
- हर व्यक्ति को बेहतर और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना।
- 2030 तक स्वस्थ भारत का निर्माण।,
- स्वास्थ्य सेवाएँ आम आदमी की पहुंच में हो इसके लिये आधारभूत संरचना का विकास करना।
मिनिमम गर्वेमेंट, मैक्सिमम गर्वेनेंस –
- सक्रिय एवं मित्रवत नौकरशाही संग न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन देना।